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जहाँ संत रहते हैं, वहाँ शांति, करुणा और प्रेम का वास होता है।” “संतों का जीवन एक खुली पुस्तक की तरह होता है, जिससे हर कोई ज्ञान प्राप्त कर सकता है।” जिला सीतापुर के ब्लॉक रेउसा से लगभग 20 किलोमीटर दूर मुजेहना आश्रम। जो कि स्वामी महराज या मौनी बाबा के नाम से  जाना जाता हैं। यह स्थान बहुत ही अटूट श्रद्धा, व विश्वास का केंद्र हैं। यहाँ पर प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को भक्तो की काफी भीड़  होती हैं। लोगों का मानना हैं यहाँ पर मरीज,कोढ़ी व अन्य पीड़ित लोग आते हैं और अर्जी लगाते हैं । और तपस्वारी…

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जनपद सीतापुर मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूर बिसवां कस्बे में एक शिव मन्दिर स्थापित है। इस शिव मंदिर में स्थापित सफेद शिवलिंग, उत्तर भारत की सबसे बडी शिवलिंग बतायी जाती है। पत्थर शिवाला मंदिर को, बिसवां की आत्मा कहा जाता है। सावन माह में भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। गांजरी क्षेत्र चहलारी घाट से हजारों की संख्या मे शिवभक्त जल लेकर पैदल यात्रा करते हुए बिसवां आकर भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं। मंदिर के खम्भों पर चित्ताकर्षक नक्काशी एवं संगमरमर की मूर्तियां श्रद्वालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। मंदिर…

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सेवता सीतापुर जिला मुख्यालय से से लगभग 65 किलोमीटर दूर मोईया खानपुर जैसे गांजरी क्षेत्र में विराजित, भगवान शिव का दरबार लगभग 300 वर्ष प्राचीन है, बताया जाता हैं की जिसकी स्थापना मोइया निवासी हरिपाल सिंह और महिपाल सिंह द्वारा करवाई गई थी। मंदिर स्थापना हेतु काशी के विद्वानों को बुलाया गया था, और 9 दिन के विधिवत अनुष्ठान के उपरांत भगवान, शंकर सहित पूर्ण शिव परिवार विराजित हुआ था, जिसमें गौरी, गणेश, राम दरबार और हनुमान जी की मूर्तियों को शिव जी सफेद शिव लिंग के साथ विराजित किया गया था । मंदिर के गेट के सामने लगा समी…

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