सेवता सीतापुर
जिला मुख्यालय से से लगभग 65 किलोमीटर दूर मोईया खानपुर जैसे गांजरी क्षेत्र में विराजित, भगवान शिव का दरबार लगभग 300 वर्ष प्राचीन है, बताया जाता हैं की जिसकी स्थापना मोइया निवासी हरिपाल सिंह और महिपाल सिंह द्वारा करवाई गई थी।
मंदिर स्थापना हेतु काशी के विद्वानों को बुलाया गया था, और 9 दिन के विधिवत अनुष्ठान के उपरांत भगवान, शंकर सहित पूर्ण शिव परिवार विराजित हुआ था, जिसमें गौरी, गणेश, राम दरबार और हनुमान जी की मूर्तियों को शिव जी सफेद शिव लिंग के साथ विराजित किया गया था । मंदिर के गेट के सामने लगा समी व ताड़ के पेड़ और अधिक शोभा बढ़ा रहे है।
बुजुर्ग बताते हैं कि मंदिर स्थापना के समय हुए पूजन में दरम्यान निरंतर बारिश होती रही थी, जिसको लोककल्याण की दृष्टि से देखा गया।
मंदिर परिसर 5 बीघे में बना है जिसमें निरंतर विकास कार्य चलते रहते हैं, वर्ष 1977 में हरिपाल सिंह के पौत्र शिव बक्श सिंह जी द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
वर्तमान मे मंदिर की देख रेख करने वाले अनिल सिंह ने बताया कि मंदिर के कपाट सुबह 5 बजे खुल जाते है और रात 10 बजे बंद होते है। और मंदिर में प्रतिवर्ष सावन के महीने में भव्य मेले जैसा माहौल रहता है।और हज़ारों की संख्या में कांवर यात्री चहलारी घाट,रतनगंज से जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं,।
ग्रामीणों के मुताबिक लोगो को एक विस्वास है। की यदि कोई ब्यक्ति यहाँ आकर झूठ कसम खाता है तो वह निस्पल नही होता,उसको नुकसान हो जाता है।